
संपादक - लीलाधर मंडलोई
कविता की इस छोटी सी दुनिया में प्रवेश के रास्ते हैं लेकिन कुछ उलझे हुए हैं गांव-खेडे का कवि अक्सर भटक जाता है प्रकाशक ने इस प्रकाशन दायित्व से इस दुनिया को थोडा चौडा किया है और अब एक स्पेस है इस पर आते कवि हैं उनकी अपनी एक जगह होगी जहां से वे दुनिया को समझ सकेंगे उनके संघर्ष बडे होगे मुमकिन है कठिन रास्तों से बडी कविता के लिए कोई रास्ता खुले हमने तो उसके लिए एक जगह बनाई है अब यह जगह है और कवि है और रास्ता है और सबसे अच्छी लिखी जाने वाली कविता की उम्मीद....
पुस्तक का मूल्य : 200 रूपये
प्रकाशक : कश्यप पब्लिकेशन
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