ISBN : 978-93-80470-19-1
मैं अपनी बात इस लघु कथा के माध्यम से कहना चाहता हूँ। सूखे पेड़ की उंची टहनी पर एक घोंसला था, परिंदे के बच्चे घोंसले से बाहर सिर निकालना सीख चुके थे। पूरा दिन शोर और सबक सीखने में ही बीत जाता था। एक दिन आँधी आई और घोंसला डोलने लगा। अब बच्चों का चेहरा सुर्ख हो गया। उनका शोर अब कर्कश हो चुका था। डर के कारण शरीर काँप रहे थे। उन बच्चों ने अपने हाथ एक-दूसरे के हाथों में देकर होंसला बढ़ाया। कुछ समय बाद आँधी थम गई। घोंसला अपनी जगह था और बच्चे भी सुरक्षित थे। वे सहमे से झाँक रहे थे लेकिन कोई शोर नहीं था। उनकी डरी हुई आँखें कभी धीमी गति से डोलते घोंसले के छिन्न-भिन्न हो चुके तिनकों को देखतीं तो कभी उस डाल को जिस पर घोंसला लटका हुआ था। बड़े परिंदे ने चोंच से उस घोंसले की तुरपाई शुरू कर दी। परिंदे के बच्चांे का ये अंतिम सबक था जिसके पूरा होते ही वे घोंसला छोड़कर उड़ गए। जिंदगी भी कुछ इसी तरह की ही है। घोंसला तेज आँधी में भी बँधा रहा क्योंकि वह जिस डाल पर बनाया गया था वह लचीली थी और समय के साथ मुड़ना जानती थी। जितनी जिंदगी उतने ही थोड़े से सबक। अब घोंसले से उड़े परिंदे कई पेड़ों पर जा बसे, अपने-अपने घोंसले बनाए और दुनिया भी बसाई। कहानी छोटी है लेकिन जीवन का सार समेटे है। मेरे लिए कहानी शब्दों की जटिलता नहीं बल्कि मानवीयता की कोमल कसक है। घोंसले के सबसे मजबूत तिनके-सा भरोसा मैं अपने अंदर समेटे हुए हूँ, मेरे लिए हर वो घटनाक्रम कहानी है जो चरमराते दौर में समझदारी और संस्कार के बीज पनपाने की क्षमता रखता हो। मैं नहीं चाहता मेरी कहानियाँ कठिन शब्दों के पिंजरे में कैद होकर रह जाएँ, मैं चाहता हूँ कि वह श्वेत कपोत की भाँति आसमान में स्वछंद उड़ान भरती रहें। मेरी कहानियाँ मानवीय भावनाओं की अनुभूति में नहाई हुई हैं, उन्हें पढ़कर यदि आँखें आँसुओं से डबडबा उठें तो उन्हें पोंछियेगा मत क्योंकि तब मेरी कहानी आपको महसूस कर रही होगी। महसूसने का ये कालखंड साहित्य के आध्यात्म-सी शांति लिए हुए होगा। अनुग्रह है, मेरी पहली कृति आपको अपने से कुछ भावुक पल देने में सक्षम साबित हो तो मुझसे अवश्य कहियेगा। खामी हो तो उससे भी अवगत कराना न भूलें। आप मेरे अपने हैं। आपका ये सहयोग मुझे नया हौसला देगा।
मूल्य - 180 /-
यह ब्लॉग अच्छा लगा. आपकी प्रगति से प्रसन्न हूँ.
ReplyDeleteकश्यपजी, आपका प्रकाशकीय ब्लाग देख कर प्रसन्नता हुई। बधाई।
ReplyDelete