Sunday, March 18, 2012

कविता का आंचल लेखक गुरिंदर सिंह कलसी


ISBN : 978-93-80470-09-2


गुरिन्दर सिंह कलसी का यह संग्रह अपने आसपास के परिवेश से आलोकित अनुभवों को कविता में अखेरता है।

         इसमें प्रणय की छवियाँ और निर्मल क्षणों के अलावा प्रकृति के दीप्त चित्र भी अंकित हैं। मानवीय संबंधों की उष्मा के लिए भी इस संग्रह की कविताएँ ‘अचानक’, ‘अच्छा लगना’, ‘इंतज़ार’, ‘उम्मीद’ और ‘जन्म’ विशेष उल्लेखनीय हैं।
         कलसी एक संभावनाशील कवि हैं और भाषा को बरतने के हुनर में हैं। उनकी कविता का फांर्म सुगढ़ता से अपना आकार गृहण कर रहा है। शब्दों के प्रति उनमें राग है और मितव्ययी स्वभाव के कारण वे न अतिरिक्त बोलते हैं न शब्दों की फिजूलख़र्ची करते हैं।
        कलसी की कविताओं को पढ़ना इस अर्थ में सुखद है कि वहाँ हमारी सुपरिचित जि़दगी के भुलाए जा चुके पते, ठिकाने, प्रसंग और संदर्भ है। मैं उनकी बेहतर कविताओं की प्रतीक्षा में रहूंगा।
लीलाधर मंडलोई

मूल्‍य 125/- रूपये

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